आभार
आभार
प्रस्तुत पुस्तक को संपन्न करने में जिन व्यक्तियों वस्तुओं एवं विचारों का समय असमय प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष जिस किसी भी रूप में योगदान रहा है उन सभी का में दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
सर्वप्रथम मैं अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन की कृपा एवं उचित मार्गदर्शन के द्वारा ही मैं यहां तक पहुंचा हूं।
द्वितीय
मैं अपने माता-पिता श्रीमती हेमलता अहिरवार और श्री भगवानदास अहिरवार एवं बड़े भाई श्री विजय अहिरवार एवं भाभी श्रीमती मीना अहिरवार और बड़ी बहन श्रीमती मंजू लता दिनकर बा जीजा जी स्वर्गीय श्री राजकिशोर अहिरवार व मेरी जीवनसंगिनी श्रीमती चेतना अहिरवार का अत्यंत ऋणी हूं जिनके सत्कर्मों के फलस्वरुप यह महती कार्य करने में सफल रहा हूं।
मैं आभारी हु उन पुस्तकों का अखबारों का व उन सभी विचारकों का जिनके विचारों को मैंने पुस्तक को समझाने में उपयोग किया है।
अंत मैं उस परमपिता परमात्मा के चरणों में धन्यवाद समर्पित करता हूं जिनकी शक्ति व आशीर्वाद से यह कार्य पूरा हो सका !
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें